इस कदर हम उनकी मोहब्बत में खो गए; कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हो गए; आँख खुली अँधेरा था देखा एक सपना था; आँख बंद की और उन्हीं सपनों में फिर खो गए। शुभ रात्रि!
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इस कदर हम उनकी मोहब्बत में खो गए; कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हो गए; आँख खुली अँधेरा था देखा एक सपना था; आँख बंद की और उन्हीं सपनों में फिर खो गए। शुभ रात्रि!
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