छुप-छुप कर तन्हा रो लूंगा; अब दिल का दर्द किसी से ना बोलूंगा; नींद तो आती नहीं रातों को मुझे; जब रुकेगी धड़कन तो जी भर के सो लूंगा।
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छुप-छुप कर तन्हा रो लूंगा; अब दिल का दर्द किसी से ना बोलूंगा; नींद तो आती नहीं रातों को मुझे; जब रुकेगी धड़कन तो जी भर के सो लूंगा।
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