दिल के सागर मे लहरें उठाया ना करो; ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो; बहुत चोट लगती है मेरे दिल को; तुम ख़्वाबों में आ कर यूँ तडपाया ना करो। शुभ रात्रि!
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दिल के सागर मे लहरें उठाया ना करो; ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो; बहुत चोट लगती है मेरे दिल को; तुम ख़्वाबों में आ कर यूँ तडपाया ना करो। शुभ रात्रि!
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