दुनिया जिसे नींद कहती है; जाने वो क्या चीज़ होती है; आँखें तो हम भी बंद करते हैं सोने के लिए; पर यह सब तो उनसे मिलने की तरकीब होती है। शुभरात्रि!
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दुनिया जिसे नींद कहती है; जाने वो क्या चीज़ होती है; आँखें तो हम भी बंद करते हैं सोने के लिए; पर यह सब तो उनसे मिलने की तरकीब होती है। शुभरात्रि!
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