रुक कर हवा ने हमसे तेरे घर का पता पूछा; हमने पूछा क्यों उस घर में ऐसा क्या है; उसने कहा चाँद है जो जुल्फों में घिरा है; देखने को उसका चेहरा सारा जहां खड़ा है। शुभ रात्रि!
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रुक कर हवा ने हमसे तेरे घर का पता पूछा; हमने पूछा क्यों उस घर में ऐसा क्या है; उसने कहा चाँद है जो जुल्फों में घिरा है; देखने को उसका चेहरा सारा जहां खड़ा है। शुभ रात्रि!
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