वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ न करे; मैं तुझ को भूल कर ज़िंदा रहूँ ऐसा ख़ुदा न करे; रहे तेरा साथ ज़िन्दगी भर के लिए; बस इसी दुआ के साथ ये ज़िन्दगी कटती रहे शुभ रात्रि!
Like (1) Dislike (0)
वो दिल ही क्या जो तेरे मिलने की दुआ न करे; मैं तुझ को भूल कर ज़िंदा रहूँ ऐसा ख़ुदा न करे; रहे तेरा साथ ज़िन्दगी भर के लिए; बस इसी दुआ के साथ ये ज़िन्दगी कटती रहे शुभ रात्रि!
Your Comment