हर सपना कुछ पाने से पूरा नहीं होता; कोई किसी के बिन अधूरा नहीं होता; जो चाँद रौशन करता है रात भर सब को; हर रात वो भी तो पूरा नहीं होता। शुभ रात्रि!
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हर सपना कुछ पाने से पूरा नहीं होता; कोई किसी के बिन अधूरा नहीं होता; जो चाँद रौशन करता है रात भर सब को; हर रात वो भी तो पूरा नहीं होता। शुभ रात्रि!
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