आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई; आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई; आ रही है जिस्म की दीवार गिरने की सदा; एक अजब ख्वाहिश थी जो अब के बरस पूरी हुई।
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आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई; आँसुओं में भीग जाने की हवस पूरी हुई; आ रही है जिस्म की दीवार गिरने की सदा; एक अजब ख्वाहिश थी जो अब के बरस पूरी हुई।
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