जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें; आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें; ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया; वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें।
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जख्म जब मेरे सीने के भर जायेंगें; आसूं भी मोती बन कर बिखर जायेंगें; ये मत पूछना किस-किस ने धोखा दिया; वर्ना कुछ अपनों के चेहरे उतर जायेंगें।
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