जाहिर नहीँ होने देता पर मैँ रोज रोता हूँ; और वो पानी मेरे घर से निकलता है; लोग कहते है एक बहता दरिया जिसे; वो दरिया मेरे शहर से निकलता है।
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जाहिर नहीँ होने देता पर मैँ रोज रोता हूँ; और वो पानी मेरे घर से निकलता है; लोग कहते है एक बहता दरिया जिसे; वो दरिया मेरे शहर से निकलता है।
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