तेरी याद में ज़रा आँखें भिगो लूं; उदास रात की तन्हाई में सो लूं; अकेले गम का बोझ अब सम्भलता नहीं; अगर तु मिल जाए तो तुझसे लिपट कर रो लूं।
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तेरी याद में ज़रा आँखें भिगो लूं; उदास रात की तन्हाई में सो लूं; अकेले गम का बोझ अब सम्भलता नहीं; अगर तु मिल जाए तो तुझसे लिपट कर रो लूं।
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