प्यासे को इक कतरा पानी ही काफी है; इश्क में चार पल की जिंदगानी ही काफी है; हम डूबने को समँदर में भला जाए क्यो; उनकी पलको से टपका वो आंसू ही काफी है।
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प्यासे को इक कतरा पानी ही काफी है; इश्क में चार पल की जिंदगानी ही काफी है; हम डूबने को समँदर में भला जाए क्यो; उनकी पलको से टपका वो आंसू ही काफी है।
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