मोहब्बत के सपने वो दिखाते बहुत हैं; रातों में वो हम को जगाते बहुत हैं; मैं आँखों में काजल लगाऊं तो कैसे; इन आँखों को वो रुलाते बहुत हैं।
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मोहब्बत के सपने वो दिखाते बहुत हैं; रातों में वो हम को जगाते बहुत हैं; मैं आँखों में काजल लगाऊं तो कैसे; इन आँखों को वो रुलाते बहुत हैं।
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