सजा द्वार है और एक ज्योति जगमगाई है; नसीब जागेगा उन जागरण कराने वालों का; नसीब जागेगा जागरण में आने वालों का; वो देखो मंदिर में मेरी माँ मुस्कुराई है। शुभ नवरात्रि!

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