काश यह जालिम जुदाई न होती
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती
न हम उनसे मिलते न प्यार होता
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती
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काश यह जालिम जुदाई न होती
ऐ खुदा तूने यह चीज़ बनायीं न होती
न हम उनसे मिलते न प्यार होता
ज़िन्दगी जो अपनी थी वो परायी न होती
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