मन में सब को पाने का अरमान नहीं होता;
हर कोई दिल का महमान नहीं होता;
पर एक बार जो बन जाते हैं अपने;
उन्हें भुलाना इतना आसान नहीं होता!

कभी कभी सपने चूर हो जाते हैं,
हालत से दोस्त भी दूर हो जाते हैं.
पर यह यादें हर पल इतना सताती हैं कि,
आप को SMS करने को हम मजबूर हो जाते हैं.

दामाद:आपकी बेटी ने जीवन कांटो भरा नरक सा कर दिया है
ससुर इमोशनली होकर:तुम्हारे पास जिस कपड़े का पीस है मेरे
पास उसका पूरा थान है थान

हम वो नहीं जो दिल तोड़ देंगे,
थाम कर हाथ साथ छोड़ देंगे,
हम दोस्ती करते हैं पानी और मछली की तरह,
जुदा करना चाहे कोई तो हम दम तोड़ देंगे

जो जितना दूर होता है नज़रो से उतना ही वो दिल के पास होता है
मुस्किल से भी जिसकी एक ज़लक देखने को ना मिले वही ज़िंदगी मे सबसे ख़ास होता है

तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे;
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे;
अगर दिल ने कहा तुम बेवफ़ा हो;
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।

दोस्तों में जब दरार बढ़ जाती है
तड़पने के लिये सिर्फ याद रह जाती है
क्या फर्क पड़ता है कागज हो या कोयला
जलने के बाद सिर्फ याद रह जाती है।

उनकी याद में सब कुछ भुलाए बैठे है;
चिराग खुशियों के सभी बुझाए बैठे है;
हम तो मरेंगे बस उनकी बाँहों में;
मौत के साथ ये शर्त लगाए बैठे है।

अगर तलाश करो तो कोई मिल ही जायेगा,
मगर हमारी तरह दोस्ती कौन निभाएगा,
माना कमी नहीं तुम्हें दोस्तों की
मगर क्या हमारी जगह कोई ले पाएगा?

तुम हँसों तो खुशी मुझे होती है, तुम रूठो तो आँखे मेरी रोती हैं !
तुम दूर जाओ तो बेचैनी मुझे होती है, मेहसुस कर के देखो महोब्बत ऐसी ही होती है !!

जिन्गदी नहीँ हमेँ दोस्तोँ से प्यारी दोस्तोँ पे है हाज़र जान हमारी
आँखोँ में हमारे आँसू हो तो क्याँ जान से भी प्यारी है मुस्कान तुम्हारी

रिश्तों से बड़ी चाहत और क्या होगी
दोस्ती से बड़ी इबादत और क्या होगी
जिसे दोस्त मिल सके कोई आप जैसा
उसे ज़िंदगी से कोई और शिकायत क्या होगी

उन्हों ने अपना कभी बनाया ही नहीं
झूठा ही सही प्यार दिखाया ही नहीं
गलतियां अपनी हम मान भी लेते
पर क्या करें कसूर हमार हमें बताया ही नहीं

वक़्त बदलता है हालात बदल जाते हैं
ये सब देख कर जज़्बात बदल जाते हैं
ये कुछ नही बस वक़्त का तक़ाज़ा है दोस्तो
कभी हम तो कभी आप बदल जाते हैं

बस यही दो मसले जिंदगीभर ना हल हुए
ना नींद पूरी हुई ना ख्वाब मुकम्मल हुए
वक़्त ने कहा काश थोड़ा और सब्र होता
सब्र ने कहा काश थोड़ा और वक़्त होता