मित्रता शुद्धतम प्रेम है। ये प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी नहीं माँगा जाता कोई शर्त नहीं होती जहाँ बस देने में आनंद आता है।
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मित्रता शुद्धतम प्रेम है। ये प्रेम का सर्वोच्च रूप है जहाँ कुछ भी नहीं माँगा जाता कोई शर्त नहीं होती जहाँ बस देने में आनंद आता है।
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