आज फिर दिल में उदासी समाई है
जाने क्युँ एक मायुसी सी छाई है
आज फिर पलकों पे पानी है
भीड़ में हुँ फिर क्युँ ये तनाहाई है
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आज फिर दिल में उदासी समाई है
जाने क्युँ एक मायुसी सी छाई है
आज फिर पलकों पे पानी है
भीड़ में हुँ फिर क्युँ ये तनाहाई है
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