एक बार फिर कुदरत ने अपना कहर बरपाया है
कोई नहीं उसके सम्मुख यह अहसास कराया है
मत करो छेड़छाड़ प्रकृति से यह सबको बतलाया
वृक्ष लगाओ करो संरक्षण फिर यह याद दिलाया है

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