कल्पनाओं का भी एक अलग समंदर है
जिसे देखो खुद में सिकंदर है
जिसे पाने की दूर दूर तक गुंजाइश नहीं
बस इक वही दिल के अंदर है
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कल्पनाओं का भी एक अलग समंदर है
जिसे देखो खुद में सिकंदर है
जिसे पाने की दूर दूर तक गुंजाइश नहीं
बस इक वही दिल के अंदर है
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