कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी
मेरी हर खुशी तेरे नाम होगी
कभी माँग कर तो देख हमसे ऐ दोस्त
होंठों पर हँसी और हथेली पर जान होगी
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कहीं अंधेरा तो कहीं शाम होगी
मेरी हर खुशी तेरे नाम होगी
कभी माँग कर तो देख हमसे ऐ दोस्त
होंठों पर हँसी और हथेली पर जान होगी
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