किसी ने कहाँ की इस दिल में अनजान बनके आया करो
किसी को भी शक नो हो इसलिए बिना दस्तक के आया करो
मैं कहता हूँ तुझे ही तो बक्शी है इस दिल की हुकूमत
ये तेरी सल्तनत है तूम तो बेख़ौफ़ होकर आया करो

Your Comment Comment Head Icon

Login