क्यों चुपके से वो लोग उतर जाते हैं दिल में
जिनसे कभी किसमत के सितारे नहीं मिलते
प्यार के भंवर में ये कह के छोड दिया
कि कभी नदियों के दोनो किनारे नहीं मिलते
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क्यों चुपके से वो लोग उतर जाते हैं दिल में
जिनसे कभी किसमत के सितारे नहीं मिलते
प्यार के भंवर में ये कह के छोड दिया
कि कभी नदियों के दोनो किनारे नहीं मिलते
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