चाँद से पूछो या मेरे दिल से; तन्हा कैसे रात बिताई जाती है; घाट-घाट पर फिरने वाले क्या जाने; शबनम से भी प्यास बुझाई जाती है।
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चाँद से पूछो या मेरे दिल से; तन्हा कैसे रात बिताई जाती है; घाट-घाट पर फिरने वाले क्या जाने; शबनम से भी प्यास बुझाई जाती है।
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