ज़िंदगी लंबी है दोस्त बनाते रहो दिल मिले ना मिले हाथ मिलते रहो
ताज महल बनाना तो बहुत कॉस्ट्ली होगा पर हर गली में एक मुमताज़ बनाते रहो
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ज़िंदगी लंबी है दोस्त बनाते रहो दिल मिले ना मिले हाथ मिलते रहो
ताज महल बनाना तो बहुत कॉस्ट्ली होगा पर हर गली में एक मुमताज़ बनाते रहो
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