जुबां खामोश, आँखों मे नमी होगी
यही बस मेरी एक दस्तान-ऐ-जिन्दगी होगी
भरने को तो हर जख्म भर जाऐगा
कैसे भरेगी वो जगह जहा तेरी कमी होगी
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जुबां खामोश, आँखों मे नमी होगी
यही बस मेरी एक दस्तान-ऐ-जिन्दगी होगी
भरने को तो हर जख्म भर जाऐगा
कैसे भरेगी वो जगह जहा तेरी कमी होगी
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