जज़्बात बहकता है जब तुमसे मिलती हूँ; अरमां मचलता है जब तुमसे मिलती हूँ; हाथों से हाथ और होठों से होंठ मिलते हैं; दिल से दिल मिलते हैं जब तुमसे मिलती हूँ!
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जज़्बात बहकता है जब तुमसे मिलती हूँ; अरमां मचलता है जब तुमसे मिलती हूँ; हाथों से हाथ और होठों से होंठ मिलते हैं; दिल से दिल मिलते हैं जब तुमसे मिलती हूँ!
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