दीदार की आग जब दिल में भड़कने लगती है
तुझे देखने को मेरी आँखें तरसने लगती हैँ
बादलों के बरसने का हमें इंतजार नहीं रहता
तेरी याद में ये आँखें खुद ही बरसने लगती हैं
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दीदार की आग जब दिल में भड़कने लगती है
तुझे देखने को मेरी आँखें तरसने लगती हैँ
बादलों के बरसने का हमें इंतजार नहीं रहता
तेरी याद में ये आँखें खुद ही बरसने लगती हैं
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