ना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में
शराब सा नशा है तेरी निगाहों में
तेरी तलाश में तेरे मिलने की आस लिये
दुआऐं मॉगता फिरता हूँ मैं दरगाहों में
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ना जाने कौन सा जादू है तेरी बाहों में
शराब सा नशा है तेरी निगाहों में
तेरी तलाश में तेरे मिलने की आस लिये
दुआऐं मॉगता फिरता हूँ मैं दरगाहों में
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