नज़रों को, तेरी मोहब्बत से इंकार नहीं है
और अब मुझे किसी का इंतज़ार नहीं है
खामोश अगर हूँ मैं तो ये अंदाज़ है मेरा
मगर तुम ये न समझना कि मुझे प्यार नहीं है
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नज़रों को, तेरी मोहब्बत से इंकार नहीं है
और अब मुझे किसी का इंतज़ार नहीं है
खामोश अगर हूँ मैं तो ये अंदाज़ है मेरा
मगर तुम ये न समझना कि मुझे प्यार नहीं है
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