प्यार को पंछी समझ के प्यार करो; और उस पंछी को पिंजरे से आज़ाद कर के देखो; अगर लौट के आए तो अपना है; अगर ना आए तो सोचना कभी अपना था ही नही।
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प्यार को पंछी समझ के प्यार करो; और उस पंछी को पिंजरे से आज़ाद कर के देखो; अगर लौट के आए तो अपना है; अगर ना आए तो सोचना कभी अपना था ही नही।
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