बदलना आता नहीं हमको मौसम की तरह; हम हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं; न समेट सकोंगी तुम इसे क़यामत की तरह; कसम तुम्हारी हम तुम्हें इतना प्यार करते हैं!
Like (0) Dislike (0)
बदलना आता नहीं हमको मौसम की तरह; हम हर एक रूप में तेरा इंतज़ार करते हैं; न समेट सकोंगी तुम इसे क़यामत की तरह; कसम तुम्हारी हम तुम्हें इतना प्यार करते हैं!
Your Comment