बिन ख्वाबों के भी क्या कोई सो पाया है; बिन यादों के भी क्या कोई रो पाया है; दोस्ती आपकी धड़कन है इस दिल की; क्या दिल भी कभी धड़कन से अलग हो पाया है!
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बिन ख्वाबों के भी क्या कोई सो पाया है; बिन यादों के भी क्या कोई रो पाया है; दोस्ती आपकी धड़कन है इस दिल की; क्या दिल भी कभी धड़कन से अलग हो पाया है!
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