मोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने! तेरे ही मंदिर में; तेरी ही मस्जिद में; तेरे ही बंदे; तेरे ही सामने रोते हैं! तुझे नहीं किसी और को पाने के लिए!
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मोहब्बत भी अजीब चीज बनायीं खुदा तूने! तेरे ही मंदिर में; तेरी ही मस्जिद में; तेरे ही बंदे; तेरे ही सामने रोते हैं! तुझे नहीं किसी और को पाने के लिए!
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