यूं बादल भी सहम से जाते हैं दर्दे दिल की कहानी पर
रास्तों मे फिर तनहाई बिखर जाया करती है
हम फिर से अजनबी बन जाते है ज्माने के लिए
और दुनिया का दस्तूर तो देखिए साहब
हमे जान बूझ कर मैहफिल मे बुला लेते हैं आज्माने के लिए

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