सांन्सो की हर सरगम मे तूम सूर बनकर बस गये
दील की हर धडकन मे तूम ऐक गूंन्ज बनकर बस गये
समज ना शके तूम न समज शके कूछ हम भी
दील मे तो बसे ही थे रूह मे भी मेरी तूम बस गये
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सांन्सो की हर सरगम मे तूम सूर बनकर बस गये
दील की हर धडकन मे तूम ऐक गूंन्ज बनकर बस गये
समज ना शके तूम न समज शके कूछ हम भी
दील मे तो बसे ही थे रूह मे भी मेरी तूम बस गये
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