सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता
दिल से दिल मिलते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता
ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती
ख़ामोशी सबकुछ कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता
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सिर्फ एहसास होता है चाहत मे, इकरार नहीं होता
दिल से दिल मिलते हैं मोह्हबत में इंकार नहीं होता
ये कब समझोगे मेरे दोस्तों, दिल को लफजों की जरूरत नहीं होती
ख़ामोशी सबकुछ कह देती है प्यार में इज़हार नहीं होता
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