ज़िन्दगी का मेरे ये सफर आखरी है
ये कागज़ कलम और ग़ज़ल आखरी है
ढूढ़ते रहोगे मिलूंगा नही क्यूंकि
तेरे दर्द का ये असर आखरी है
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ज़िन्दगी का मेरे ये सफर आखरी है
ये कागज़ कलम और ग़ज़ल आखरी है
ढूढ़ते रहोगे मिलूंगा नही क्यूंकि
तेरे दर्द का ये असर आखरी है
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