खुद को ख़ुदा कहा और खुद ही ख़ुदा हो गए रिश्तों की कशमकश में खुद से जुदा हो गए
बांचते रहे तमाम उम्र आईने में अपनी सूरत तन्हा रहे जिंदगी में और भीड़ में ही खो गए
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खुद को ख़ुदा कहा और खुद ही ख़ुदा हो गए रिश्तों की कशमकश में खुद से जुदा हो गए
बांचते रहे तमाम उम्र आईने में अपनी सूरत तन्हा रहे जिंदगी में और भीड़ में ही खो गए
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