चाँद की महफ़िल में अनजाने मिल गए हमने देखा तो सब जाने पहचाने मिल गए
मैं बढता गया सच्च के रस्ते पर वहीँ पर मुझे सभ खजाने मिल गए
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चाँद की महफ़िल में अनजाने मिल गए हमने देखा तो सब जाने पहचाने मिल गए
मैं बढता गया सच्च के रस्ते पर वहीँ पर मुझे सभ खजाने मिल गए
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