तुम्हें अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता कोई तुम्हे आध्यात्मिक नहीं बना सकता तुम्हारी आत्मा के अलावा कोई और गुरु नहीं है।
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तुम्हें अन्दर से बाहर की तरफ विकसित होना है कोई तुम्हें पढ़ा नहीं सकता कोई तुम्हे आध्यात्मिक नहीं बना सकता तुम्हारी आत्मा के अलावा कोई और गुरु नहीं है।
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