तूफ़ान में कभी ताश का घर बनता; रोने से कभी बिगड़ा मुक़द्दर नहीं संवरता; दुनिया को जीतने का हौंसला रखो; एक बार हारने से कोई फ़क़ीर नहीं बनता; एक बार जीतने से कोई सिकंदर नहीं बनता।
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तूफ़ान में कभी ताश का घर बनता; रोने से कभी बिगड़ा मुक़द्दर नहीं संवरता; दुनिया को जीतने का हौंसला रखो; एक बार हारने से कोई फ़क़ीर नहीं बनता; एक बार जीतने से कोई सिकंदर नहीं बनता।
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