रेहमत खुदा की तेरी चौखट पे बरसती नज़र आये; हर लम्हा तेरी तक़दीर संवरती नज़र आये; बिन मांगे तुझे मिले तू जो चाहे; कर कुछ ऐसा काम कि दुआ खुद तेरे हाथों को तरसती नज़र आये।
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रेहमत खुदा की तेरी चौखट पे बरसती नज़र आये; हर लम्हा तेरी तक़दीर संवरती नज़र आये; बिन मांगे तुझे मिले तू जो चाहे; कर कुछ ऐसा काम कि दुआ खुद तेरे हाथों को तरसती नज़र आये।
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