रोये हैं बहुत तब ज़रा करार मिला है; इस जहां में किसे भला सच्चा प्यार मिला है; गुज़र रही है ज़िंदगी इम्तिहान के दौर से; एक ख़त्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला हैं।
Like (1) Dislike (0)
रोये हैं बहुत तब ज़रा करार मिला है; इस जहां में किसे भला सच्चा प्यार मिला है; गुज़र रही है ज़िंदगी इम्तिहान के दौर से; एक ख़त्म हुआ तो दूसरा तैयार मिला हैं।
Your Comment