हम वो हैं जो हार कर भी यह कहते हैं; वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमें ना पा सकी; वर्ना जीत की क्या औकात; जो हमें ठुकरा दे।
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हम वो हैं जो हार कर भी यह कहते हैं; वो मंज़िल ही बदनसीब थी जो हमें ना पा सकी; वर्ना जीत की क्या औकात; जो हमें ठुकरा दे।
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