यूँ तो नहीं कि हमारी जरूरतों में शामिल तुम नहीं अब
बस अधूरापन ही रास आने लगा अब
यूँ तो नहीं कि हमारी जरूरतों में शामिल तुम नहीं अब
बस अधूरापन ही रास आने लगा अब
हर मुश्किल के दो हल हैं; 1. भाग लो (उससे भाग जाओ) 2. भाग लो (उसका सामना करो) फैसला आपका है।
मनुष्य के लिए जीवन में सफलता पाने का रहस्य है हर आने वाले अवसर के लिए तैयार रहना।
अगर हम अपनी क्षमता के अनुसार कर्म करें तो हम अपने-आप को ही आश्चर्य में डाल लेंगे।
मेरी शादी एक न्यायाधीश द्वारा की गयी थी। मुझे तभी न्याय के लिए कहना चाहिए था।
वैसे दुश्मनी तो हम चिटी से भी नहीं करते
लेकिन बीच में आया तो शेर को भी नहीं छोडते
कमीनेपन की तो बात ना कर दोस्त में उनमे से हूँ
जो मछली को भी डुबो डुबो के मारता हैं
हर व्यक्ति उस जोड़े से चिढ़ता है जो छुट्टी के दिनों में अपनी शादी की योजना बनाते है।
लडकी तो कभी पटाई नहीँ पर बदनाम तो ऐसे हो रहे है
जैसे 100 रानीयों का अकेला बादशाह हूँ
एक सफल वैवाहिक जीवन लिए एक ही व्यक्ति के साथ कई बार प्यार में पड़ने की जरुरत होती है।
अपने मिशन में कामयाब होने के लिए आपको अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित होना पड़ेगा।
लाखो दर्द छिप जाते है ऐक लम्हा इश्क़ में
लाखो खुशिया मिट जाती है ऐक लम्हा जुदाई में
सफलता का पीछा नहीं किया जाता। यह उस आदमी द्वारा आकर्षित किया जाता है जो आप बनते हैं।
अपनी भूल अपने ही हाथों से सुधर जाए तो यह उससे कहीं अच्छा है कि कोई दूसरा उसे सुधारे।
हमारा तर्जुबा हमें ये भी सिखाता है
जो जितना मक्खन लगाता है वो उतना ही चूना लगाता है