इश्क़ में हर लम्हा ख़ुशी का एहसास बन जाता है; दीदार-ए-यार भी खुदा का दीदार बन जाता है; जब होता है नशा मोहब्बत का; तो अक्सर आईना भी ख्वाब बन जाता है।
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इश्क़ में हर लम्हा ख़ुशी का एहसास बन जाता है; दीदार-ए-यार भी खुदा का दीदार बन जाता है; जब होता है नशा मोहब्बत का; तो अक्सर आईना भी ख्वाब बन जाता है।
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