कभी लफ्ज़ भूल जाऊं कभी बात भूल जाऊं; तूझे इस क़द्र चाहूँ के अपनी ज़ात भूल जाऊं; उठ के तेरे पास से जो में चल दूँ; जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊं!
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कभी लफ्ज़ भूल जाऊं कभी बात भूल जाऊं; तूझे इस क़द्र चाहूँ के अपनी ज़ात भूल जाऊं; उठ के तेरे पास से जो में चल दूँ; जाते हुए खुद को तेरे पास भूल जाऊं!
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