किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है? जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है? कितने खायें है धोखे इन राहों में! फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?
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किस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों है? जो नहीं मिल सकता उसी से मुहब्बत क्यों है? कितने खायें है धोखे इन राहों में! फिर भी दिल को उसी का इंतजार क्यों है?
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