कौन कहता है मोहब्बत की ज़ुबान होती है; होंठों के बिना खुले ही हक़ीक़त बयां होती है; इश्क़ वो खुदायी है मेरे दोस्त जो लफ़्ज़ों से नहीं आँखों से बयां होती है।
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कौन कहता है मोहब्बत की ज़ुबान होती है; होंठों के बिना खुले ही हक़ीक़त बयां होती है; इश्क़ वो खुदायी है मेरे दोस्त जो लफ़्ज़ों से नहीं आँखों से बयां होती है।
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